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देव भूमि -उत्तराखंड के बारे में रोचक तथ्य उनके पर्यटन स्थलों के साथ

Interesting Facts About Dev Bhoomi – Uttarakhand and Their Tourist Places in Hindi

देव भूमि –उत्तराखंड के बारे में रोचक तथ्य उनके पर्यटन स्थलों के साथ

Dev Bhoomi – Uttarakhand : क्या आप जानते हैं कि भारत का ऐसा कौनसा राज्य है जहाँ का हर जिला, हर क्षेत्र अपने आप में अलग पर्यटन स्थल के रूप में विख्यात है। सुन्दर वादियाँ, सैंकड़ों प्राचीन व चमत्कारिक मंदिर, कई नदियों का उद्गम स्थल, और भी कई चीजों के लिए इस राज्य ने अपनी पहचान बना रखी है। उत्तराखंड भारत के उत्तरी भाग में स्थित है। इस राज्य में पाए जाने वाले कई हिन्दू मंदिरों और तीर्थ स्थलों के कारण, इसके धार्मिक महत्व को देखते हुए इसे देव भूमि के रूप में भी जाना जाता है। इस राज्य की खूबसूरती कुछ ऐसी है, जो भी यहाँ घूमने के लिए जाता है, वो यहाँ की ख़ूबसूरती को अपने दिल में बसा लेता है, और वहाँ पर ही बस जाने का मन करता है। सबसे ज्यादा पर्यटक स्थल इसी राज्य में देखने को मिलते हैं।

Uttarakhand को बहुत से लोग यहाँ के पर्यटक स्थलों व धार्मिक स्थल (चार धाम) की वजह से ज्यादा जानते है। इनके आलावा भी बहुत से ऐसे आश्चर्यजनक तथ्य हैं, जो शायद बहुत से लोग नही जानते होंगे। पर्यटक स्थलों के आलावा यहाँ बहुत से आश्चर्यजनक तथ्य है, जो उत्तराखंड को और भी ज्यादा आकर्षक बनाते हैं। उनमें से कुछ रोचक तथ्य उनके पर्यटन स्थलों के साथ आपके सामने रख रहे हैं।

Interesting Facts About Dev Bhoomi - Uttarakhand and Their Tourist Places in Hindi
Interesting Facts About Dev Bhoomi – Uttarakhand and Their Tourist Places in Hindi

History of Dev Bhoomi – Uttarakhand

  • उत्तर प्रदेश का ही, एक हिस्सा 9 नवंबर, 2000 को, उत्तरांचल राज्य – भारत का 27 वां राज्य – उत्तर प्रदेश से अलग होकर बना,
  • जनवरी 2007 में इस नए राज्य ने अपना नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया, जिसका अर्थ है “उत्तरी क्षेत्र”, जो कि उस क्षेत्र का पारंपरिक नाम था।
  • उत्तराखंड उत्तर पश्चिम में चीन के साथ, उत्तर-पूर्व में तिब्बत से, दक्षिण-पूर्व में नेपाल के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा साझा करता है।
  • उत्तर-पश्चिम में हिमाचल प्रदेश के साथ, दक्षिण-पश्चिम में भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के साथ अंतर-राज्यीय सीमाएं साझा करता हैं।  
  • उत्तराखंड राज्य में 02 क्षेत्र 13 जिले शामिल हैं।
  • गढ़वाल क्षेत्र में स्थित जिले
    • उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, देहरादून और हरिद्वार हैं
  • कुमाऊं क्षेत्र में शेष 06
    • उधम सिंह नगर, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत और बागेश्वर हैं
  • देहरादून भारतीय राज्य उत्तराखंड की राजधानी और सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। उत्तराखंड विधान सभा शहर में शीतकालीन सत्र आयोजित करती है, जो इसकी शीतकालीन राजधानी है।
  • भराड़ीसैंण भारतीय राज्य उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी है। यह चमोली जिले की गैरसैंण तहसील में स्थित है, जो गैरसैंण शहर से लगभग 14 किमी दूर है।

13 रोचक तथ्य देव भूमि –उत्तराखंड के बारे में

1. उच्च न्यायालय

  • गौर तलब है – उत्तराखंड का उच्च न्यायालय इन दोनों राजधानियों में से किसी में भी स्थित नही है। नैनीताल में मौजूद नैनीताल उच्च न्यायालय उत्तराखंड का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय है।
Dev Bhoomi - Uttarakhand | Dev Bhoomi - Uttarakhand 1/13
Dev Bhoomi – Uttarakhand | Dev Bhoomi – Uttarakhand 1/13  Image-Source: Twitter Bar & Bench @ barandbench

2. राज्य की राजभाषा

  • हिंदी राज्य की राजभाषा है। 2010 में, उत्तराखंड भारत का पहला राज्य बन गया, जिसकी दूसरी आधिकारिक भाषा संस्कृत थी।
  • उत्तराखंड में उपयोग की जाने वाली अन्य भाषाओं में गढ़वाली और कुमाउनी (दोनों पहाड़ी भाषाएं), पंजाबी और नेपाली शामिल हैं।
Dev Bhoomi - Uttarakhand | Dev Bhoomi - Uttarakhand 2/13
Dev Bhoomi – Uttarakhand | Dev Bhoomi – Uttarakhand 2/13

3. देश का सबसे ऊँचा बाँध

  • .देश का सबसे ऊँचा बाँध उत्तराखंड में ही स्थित है।
  • भागीरथी पर बना टिहरी डैम 260 मीटर की उचाई पर स्थित है।
  • यह उत्तर भारत का एक प्रमुख डैम है।
  • इस डैम से बड़ी संख्या में बिजली का उत्पादन होता है।
  • जो दिल्ली, हरयाणा, पंजाब, राजस्थान, और जम्मू और कश्मीर के लिए बिजली की आपूर्ति करता है।
Dev Bhoomi - Uttarakhand | Dev Bhoomi - Uttarakhand 3/13
Dev Bhoomi – Uttarakhand | Dev Bhoomi – Uttarakhand 3/13 Image-Source uttarakhand-tourism.com

4. कृषि और खेतीबाड़ी

  • उत्तराखंड में ज्यादातर लोग कृषि और खेतीबाड़ी करके ही अपनी आजीविका चलाते हैं।
  • अधिकांश भारत की तरह, कृषि, उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है।
    • बासमती चावल, गेहूं, सोयाबीन, मूंगफली, मोटे अनाज, दालें और तिलहन सबसे व्यापक रूप से उगाई जाने वाली फसलें हैं।
    • सेब, संतरा, नाशपाती, आड़ू, लीची और प्लम जैसे फल व्यापक रूप से उगाए जाते हैं, और बड़े खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए महत्वपूर्ण हैं।
    • राज्य में बासमती चावल, लीची,  पेड़ पौधे जो औषधी प्रदान करते हैं, और जड़ी-बूटियों, के लिए कृषि निर्यात क्षेत्र स्थापित किए गए हैं।
  • सेव उत्पादन के मामले में उत्तराखंड देश में तीसरे नंबर पर आता है।
Dev Bhoomi - Uttarakhand | Dev Bhoomi - Uttarakhand 4/13
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5. साक्षरता

  • Uttarakhand अपनी हसीं वादियों के लिए ही नही बल्की अपनी शैक्षणिक स्थापना के लिए भी प्रसिद्ध है।  
  • उत्तराखंड में साक्षरता दर में वृद्धि की प्रवृत्ति देखी गई है।
  • 2011 की जनगणना के अनुसार यह 78.82 प्रतिशत है।
  • इसमें से पुरुष साक्षरता 87.40 प्रतिशत है, जबकि महिला साक्षरता 70.01 प्रतिशत है।
  • भारत का पहला कृषि विश्वविद्यालय “गोविंद बल्लभ पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय” ने भारत की हरित क्रांति का मार्ग प्रशस्त किया।
  • यह 1960 में पंतनगर में स्थापित किया गया था।
  • इसका मूल नाम उत्तर प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय था।
  • 1997 में भारत के सबसे प्रसिद्ध किसानों में से एक, बल्लभ पंत की याद में इसका नाम बदलकर, पंत के नाम पर रखा गया था।
  • यही नही IIT Rurkee, IIM kashipur, और गडवाल मेडिकल कॉलेज जैसे संस्थानों में हर साल हजारों स्टूडेंट्स बाहर से पढने यहाँ आते हैं।   
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Dev Bhoomi – Uttarakhand | Dev Bhoomi – Uttarakhand 5/13

6. बीटल्स आश्रम

  • फरवरी 1968 में, अंग्रेजी रॉक बैंड बीटल्स ने आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करने के लिए महर्षि महेश योगी जी के आश्रम का दौरा किया, जिसे, राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के पास इस चौराशी (84) कुटिया (आश्रम) में प्रसिद्धि मिली।
  • जो उत्तर भारत में ऋषिकेश में स्थित है।
  • बीटल्स की गीत लेखन के लिए भी यह यात्रा सबसे अधिक लाभकारी साबित हुई।
  • द बीटल्स (“द व्हाइट एल्बम”) के लिए अठारह गीत रिकॉर्ड किए गए थे,
    • दो अन्य एबी रोड एल्बम में दिखाई दिए,
    • और अन्य का उपयोग विभिन्न एकल परियोजनाओं (Solo Projects) के लिए किया गया।
  • जिस आश्रम में बीटल्स के सदस्य रुके थे उसे THE BEATLES ASHRAM के नाम से जाना जाता है।
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Dev Bhoomi – Uttarakhand | Dev Bhoomi – Uttarakhand 6/13 Image-Source tripadvisor.in

7. राष्ट्रीय उद्यान

  • देश का पहला राष्ट्रीय उद्यान भी उत्तराखंड में खोला गया था।
  • नैनीताल जिले का जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है।
  • जिसे 1936 में रॉयल बंगाल टाइगर की सुरक्षा के लिए स्थापित किया गया था।
  • राजाजी नेशनल पार्क और गंगोत्री नेशनल पार्क जैसे कई उद्यान उत्तराखंड की शान बढाते हैं।
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Dev Bhoomi – Uttarakhand | Dev Bhoomi – Uttarakhand 7/13 Image-Source corbettnationalpark.in

8. नंदा देवी चोटी और फूलों की राष्ट्रीय घाटी

  • National Valley of flowers : फूलों की घाटी का क्षेत्र विविध वनस्पतियों और जीवों में समृद्ध है।
  • फूलों की घाटी को वर्ष 1982 में भारत का राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।
  • अब यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है।
  • Nanda Devi Peak : फूलों की घाटी नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व का दूसरा मुख्य क्षेत्र है,
  • जिसमें कई झरने, चांदी के ग्लेशियर और घने जंगल हैं, जो हर कदम पर आगंतुक का स्वागत करते हैं।
  • जैसा कि नाम से पता चलता है, फूलों की घाटी एक ऐसा गंतव्य है जहां प्रकृति पूरी महिमा में खिलती है, और पर्यटकों को एक लुभावना अनुभव प्रदान करती है।
  • विदेशी फूल (600 से अधिक प्रजातियां) orchids, poppies, primulas, marigold, daisies and anemones यहाँ आँखों को लुभाते हैं।  
  • उप-अल्पाइन वन (Sub-alpine forests )  बर्च (birch) और रोडोडेंड्रोन (rhododendron) पार्क के क्षेत्र के कुछ हिस्सों को कवर करते हैं।
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Dev Bhoomi – Uttarakhand | Dev Bhoomi – Uttarakhand 8/13 Image-Source euttaranchal.com

9. हर्बल स्टेट

  • उत्तराखंड भी ‘हर्बल स्टेट’ के रूप में जाना जाने वाला, औषधीय पौधों और पारंपरिक औषधीय ज्ञान का एक समृद्ध स्रोत है।
  • उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में भारत के सबसे ऊंचाई वाले हर्बल पार्क का उद्घाटन किया गया है।
  • इस हर्बल पार्क में करीब 40 से भी ज्यादा दुर्लभ प्रजातियां हैं।
  • उत्तराखंड के औषधीय पौधों के बारे में बहुत सारी जानकारी विभिन्न रूपों में बिखरी हुई है।
  • बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के विभिन्न भागों में पाये जाने वाले औषधीय पौधों की महत्वपूर्ण प्रजातियों का विस्तृत विवरण दिया है।
  • ये पौधे प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली,
    • एथनो-मेडिसिन के साथ-साथ पारंपरिक भारतीय दवाओं –
    • जैसे आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध, प्राकृतिक चिकित्सा और यहां तक ​​कि होम्योपैथी और एलोपैथी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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Dev Bhoomi – Uttarakhand | Dev Bhoomi – Uttarakhand 9/13  Image-Source livehindustan.com

10. ब्रह्म कमल

Image-Source: indiatimes.com
  • दुर्लभ ब्रह्म कमल, एकमात्र फूल है जो सूर्यास्त के बाद, और साल में सिर्फ एक बार खिलने के लिए जाना जाता है।
  • यह उत्तराखंड में हिमालय के ऊंचे इलाकों में देखा गया है।
  • ऐसा कहा जाता है कि ब्रह्मा कमल – भगवान ब्रह्मा के नाम पर रखा गया है।  
  • लगभग आठ इंच व्यास में खिलने में लगभग दो घंटे लगते हैं।
  • फूल केवल कुछ घंटों के लिए खिलता है, और इसे सौभाग्य और समृद्धि के लिए जाना जाता है।
  • इसे कई बड़ी बीमारियों के इलाज के लिए भी लाभकारी माना गया है।
  • ब्रह्म कमल को उत्तराखंड का स्टेट फ्लावर (State flower) भी कहा जाता है।
  • साथ ही अल्पाइन कस्तूरी मृग को स्टेट पशु (State Animal) हिमालय मोनाल को स्टेट बर्ड का दर्जा दिया गया है।
Dev Bhoomi - Uttarakhand | Dev Bhoomi - Uttarakhand 10/13
Dev Bhoomi – Uttarakhand | Dev Bhoomi – Uttarakhand 10/13  Image-Source: indiatimes.com

11. संस्कृति

  • उत्तराखंड की संस्कृति की अपनी एक अलग पहचान है।
  • यहाँ कई प्रमुख त्यौहार बड़ी धूम-धाम से मनाये जाते हैं।  
    • कुम्भ मेला, बसंत पंचमी, भिटौली और हरेला, मकर सक्रांति, घूघुटिया, फूल देई, गंगा दशहरा,  घी संक्रांति, चैतोला, आठो जैसे कई त्यौहार उत्तराखंड की संस्कृति को दर्शाते हैं।
  • उत्तराखंड पूरे साल उत्सवों और तयोहारों में डूबा नजर आता है।
  • उत्तराखंड की संस्कृति जितनी समृद्ध है, यहां के लोक गीत और नृत्य भी उतने ही मनोरम हैं।
  • उत्तराखंड के स्थानीय लोग लोक नृत्य के माध्यम से अपने जश्न मनाते हैं।
    • कुछ प्रमुख लोक नृत्य हैं पांडव नृत्य, भोटिया नृत्य, छोलिया नृत्य, झोरा नृत्य, मुखोटा नृत्य, थडिया, सरों, हारुल झुमैलो, चांचरी (चांचड़ी), छपेली जैसे लोक नृत्य उत्तराखंड की अमोल धरोहर हैं।
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12. कैंची धाम

  • कैंची धाम एक हनुमान मंदिर और आश्रम है, जिसे 1960 के दशक में महान संत नीम करोली बाबा द्वारा स्थापित किया गया था।
  • यह एक पवित्र मंदिर है, जो पहाड़ियों और पेड़ों से घिरा हुआ है।
  • इसके बगल में एक नदी बहती है।
  • यह दो पहाड़ियों के बीच में स्थित है, जो कैंची का आकार बनाने के लिए एक दूसरे को काटती है, और पार करती है।
  • इसलिए इस जगह को कांची धाम कहा जाता है।
Dev Bhoomi - Uttarakhand | Dev Bhoomi - Uttarakhand 12/13
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नीब करोरी (नीम करोली) बाबा नाम कैसे पड़ा

एक बार उन्हें, पहली बार एक ट्रेन के प्रथम श्रेणी के डिब्बे में, टिकट रहित यात्री के रूप में टिकट संग्राहक ने उन्हें देखा था। अगले पड़ाव नीब करोरी स्टेशन पर ब्रिटिश टिकट संग्राहक ने उन्हें उतार दिया। उसके बाद, वह चुपचाप उतरे, और एक पेड़ के नीचे जाकर बैठ गए। हालांकि, उसके बाद ट्रेन नहीं चली। सभी प्रकार की जाँच की गई। 

सभी प्रकार की जाँच केवल यह प्रकट करने के लिए की गई थी, कि ट्रेन सही क्रम है या नही। भारतीय यात्रियों ने तब टिकट कलेक्टर से कहा कि, चूंकि उन्होंने एक पवित्र व संत व्यक्ति को ट्रेन से उतार दिया है, इसलिए वह नहीं चलेगी। इस तरह की मूल तर्कहीनता पर विश्वास करने से शर्मिंदा, टिकट कलेक्टर ने उन संत (पवित्र व्यक्ति) को वापस ट्रेन में बुलाया। तब वह संत ट्रेन में उतनी ही शांति से वापस आए जितनी शांति वह उतर कर गए थे, और ट्रेन तुरंत मौके से बाहर निकल गई!

बाद में, इस स्थान पर एक सुव्यवस्थित स्टेशन विकसित हुआ, और बाबा को नीब करोरी (नीम करोली) बाबा के नाम से जानने लगे।

बाबा के आश्रम में दुनिया की कई बड़ी हस्तियाँ जैसे रिचर्ड अल्बर्ट, पीएम मोदी, हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स, एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग बाबा के कैंची धाम आश्रम आ चुके हैं। जाने-माने लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने ‘मिरेकल आफ लव’ नाम से बाबा पर लिखी पुस्तक में उनके चमत्कारों का वर्णन भी किया है।

13. वीर भूमि

Image Source : jagran.com
  • उत्तराखंड को भारत में वीर भूमि के नाम से भी जाना जाता है।
  • इस राज्य से हर साल बड़ी संख्या में युवा फौज में भर्ती होने जाते हैं।
  • उत्तराखंड के दो प्रमुख रेजिमेंट है जिनमें एक है
    • कुमाऊ रेजिमेंट और दूसरी है गरवाल राइफल्स।
    • यह दोनों ही रेजिमेंट्स अपनी बाहदुरी और पराक्रम के लिए पहचाने जाते हैं।
Dev Bhoomi - Uttarakhand | Dev Bhoomi - Uttarakhand 13/13
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अब बात करते है यहाँ के पर्यटक स्थलों की | Dev Bhoomi – Uttarakhand

उत्तराखंड में धीरे-धीरे टूरिज्म को भी लोग अपना पेशा बना रहे हैं। क्यूँकी यहाँ के मंदिर और वादियों की सुन्दरता, यहाँ आने वाले प्रयटकों का मन मोह लेते हैं। अब तो पूरे साल ही यहाँ प्रयटकों की भीड़ लगी रहती है। 

1. हरिद्वार | Dev Bhoomi – Uttarakhand

  • दुनिया के सबसे ज्यादा पर्यटक हरिद्वार में आते हैं।
  • देखा जाए तो यह उत्तराखंड का प्रवेश द्वार भी है।
  • देश के कोने-कोने से लोग यहाँ गंगा में स्नान करने आते हैं।
    • हरिद्वार में हर की पौड़ी, मंशा देवी मंदिर, चंडी देवी मंदिर, दूधाधारी बर्फानी मंदिर, माया देवी शक्ति पीठ, भारत माता मंदिर, आदि प्रसिद्ध मंदिरों में से हैं।    

2. ऋषिकेश | Dev Bhoomi – Uttarakhand

  • यह भी हरिद्वार के बाद प्रसिद्ध टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। यहाँ के त्रिवेणी घाट में लोग आस्था की डुबकी लगाते हैं।
  • ऋषिकेश एक छोटा सा शांत शहर है जो ध्यान और योग के लिए प्रसिद्ध है।
    • राफ्टिंग, कैपिंग, बंजी जंपिंग, जाइंट स्विंग, रिवर्स बंजी या जी फोर्स, जीप लाइन ऐसी कई एडवेंचर एक्टिविटी यहाँ कराई जाती हैं।
  • भारी तादाद में यहाँ पर्यटक आकर इनका आनंद उठाते हैं।

3. प्रयाग | Dev Bhoomi – Uttarakhand

  • उत्तराखंड अपने पांच प्रयागों (दो नदियों का संगम) के कारण भी प्रसिद्ध हैं।
  • यह पाँचों प्रयाग हिन्दुओं की आस्था के पवित्र केंद्र हैं।
  • देव प्रयाग : अलखनंदा और भागीरथी का संगम देखने को मिलता है।
  • कर्ण प्रयाग : कर्णप्रयाग बद्रीनाथ के रास्ते में स्थित है, अलखनंदा और पिंडर नदी मिलती है।
  • रूद्र प्रयाग : भगवान शिव (रुद्र) के नाम पर,
    • रुद्रप्रयाग अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के पवित्र संगम पर स्थित एक छोटा तीर्थ शहर है।
  • नंदप्रयाग :  अगला संगम नंदप्रयाग में होता है, जहाँ अलकनंदा और नंदाकिनी नदियाँ मिलती हैं।
  • विष्णुप्रयाग : अलखनंदा के साथ धौलीगंगा मिलती है।

4. उत्तरकाशी | Dev Bhoomi – Uttarakhand

  • यह उत्तराखंड का वो स्थान है जहाँ से यमुना और गंगा की शुरुआत होती है।

5. चार धाम | Dev Bhoomi – Uttarakhand

  • उत्तराखंड के चार धामों में से दो धाम – यमुनोत्री और गंगोत्री हैं।
  • दो अन्य धामों में से एक धाम रुद्रप्रयाग जिले के अंतर्गत आता है।
  • जो केदारनाथ धाम के नाम से जाना जाता है।
  • यह एक ऐसा धाम है जो हर शिव भक्त के मन में बसा होता है,
  • और साथ ही हर शिव भक्त अपनी लाइफ में कम से कम एक बार तो यहाँ आकर भोले नाथ बाबा के दर्शन करना चाहता है।
  • चौथा धाम बद्रीनाथ धाम है।
  • जो चमोली जिले के के अंतर्गत आता है।
  • यह सबसे ऊँचे जिलों में से एक है।
  • बदरीनाथ आने वाले भक्त
    • हेम कुंड साहिब, अनुसूया और लाटू देवता मंदिर के दर्शन के दर्शन अवश्य करते हैं।
  • लाटू देवता मंदिर साल भर में सिर्फ एक दिन ही खुलता है।
  • इस मंदिर को पुजारी अपने आँख और मुंह में पट्टी बांध कर खोलते हैं।
  • वंही वंशी नारायण मंदिर भी साल में एक दिन के लिए खुलता है।
  • सबसे ऊँचाई पर स्थित भगवन शिव को समर्पित तुंगनाथ मंदिर 3680 मीटर की  ऊँचाई पर स्थित है।

6. देहरादून | Dev Bhoomi – Uttarakhand

  • Uttarakhand की राजधानी देहरादून में
    • फारेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट, मालसी डियर पार्क, राम राय गुरुद्वारा, रोबर्स केव, सहस्त्रधारा, बुद्धा टेम्पल ऐसी कुछ जगहों पर आप जा सकते हैं।

7. मसूरी | Dev Bhoomi – Uttarakhand

  • देहरादून से कुछ ही दूरी पर स्थित है मसूरी जिसे पहाड़ों की रानी भी कहा जाता हैं।
  • यह भी एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है।
    • यहाँ आप कैम्पटी फाल्स, कैंपस गार्डन, मसूरी झील और गन हिल जैसे जगह पर मनमोहक द्रश्यों के भरपूर आनंद ले सकते हैं।

8. नैनीताल | Dev Bhoomi – Uttarakhand

  • नैनीताल भी उत्तराखंड के प्रसिद्ध डेस्टिनेशन में से एक है।
    • यहाँ पर नैनी झील नैना देवी मंदिर, मुक्तेश्वर, भीम ताल जैसी जगहों का आप लुफ्त उठा सकते हैं।

9. औली | Dev Bhoomi – Uttarakhand

  • औली उत्तर भारतीय राज्य उत्तराखंड में एक हिमालयी स्की स्थल और हिल स्टेशन है।
  • यह शंकुधारी और ओक के जंगलों, साथ ही नंदा देवी और नर पर्वत पहाड़ों से घिरा हुआ है।
  • एक लंबी केबल कार औली को जोशीमठ शहर से जोड़ती है।

उत्तराखंड लुभावनी सुंदरता, समृद्ध संस्कृति और जीवंत परंपरा का देश है। राज्य को पर्यटन स्थलों की एक अंतहीन सूची, एक विविध परिदृश्य, और संस्कृति, विरासत और रोमांच की एक श्रृंखला का आशीर्वाद प्राप्त है।

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