मसालों का व्यापार घर से भी शुरू किया जा सकता है। हालाकी, पूरे विश्व में सबसे ज्यादा मसाले अगर कहीं पैदा होते हैं, तो वो है भारत। इसीलिए भारत को मसालों कि भूमि कहा जाता है। अक्सर हम कहीं भी स्वादिष्ट भोजन खाते हैं, तो वो स्वाद सिर्फ मसालों से ही आता है। भारतीय रसोई मसालों के बिना अधूरी है । आमतौर पर रसोई में कई मसाले आप को ऐसे मिल जायेंगें, जो सेहत की द्रष्टि से बहुत लाभदायक है।

उदाहरण के तौर पे:
- हल्दी – खून के रिसाव को रोकता है, दर्द से राहत के लिए दूध में हल्दी मिलाकर पीते हैं।
- दाना मेथी – ब्लड सुगर को नियंत्रण करने में मदद करती है।
- अदरक – सर्दी जुखाम से बचने के लिए अदरक का सेवन करते हैं।
ऐसे बहुत से मसाले हैं जो हमे कई बिमारियों से बचाते हैं। हालाकी इन मसालों का प्रयोग कई सदियों पहले से होता आ रहा है। इसलिए मसालों कि मांग को देखते हुए, घर से इन मसालों का व्यवसाय कम पूँजी से शुरू कीया जा सकता है। यहाँ पर हमने आपको वो सारी जरूरी जानकारियां प्रदान करने की कोशिश करी है, जो मसाले का व्यापार शुरू करने में साहयक सिद्ध हो।
1. मसालों का व्यापार घर से कैसे शुरू करें | step by step process
1.1. व्यापार का पंजीकरण (Business Registration)
- पहले अपने व्यापार का नाम सुनिश्चित करें।
- दूसरा, जैसा की यह फ़ूड बिज़नेस है तो इसके लिए फ़ूड लाइसेंस (FSSAI) कि जरूरत होगी। अत: इसे लेने का यह फायदा मिलता है कि कोई भी आप के आइटम पर शुद्धता को लेकर सवाल नही उठाता है।
- अपने बिज़नेस का रजिस्ट्रेशन करना होगा।
- BRN (बिज़नेस रजिस्ट्रेशन नंबर )
- GST (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) online व्यापार में इसकी जरूरत पड़ती है।
- उद्यम रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
- उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
- Fire NOC – आपको अग्नि सुरक्षा दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए राज्य के अग्निशमन विभाग के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। जो की आप उनकी वेबसाइट पर ऑनलाइन भी आवेदन कर्र सकते हैं।
- बैंक में अपने व्यापार के नाम से current account खुलवाना होगा।
यह सभी दस्तावेज आप अपने नजदीकी किसी भी चार्टेड अकाउंटेंट से भी बनवा सकते हैं।
1.2. मसाले बनाने के लिए कच्चा माल (Raw Material)
सबसे पहले तो तो यह विचार बनायें कि किन मसालों से शुरुआत करी जाये। भविष्य में जैसे-जैसे, आपके मसालों कि मांग बढ़ने लगे आप मसलों की variety बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं। शुरुआत में किसी भी थोक विक्रेता से आप कच्चा माल (साबुत मसाले) ले सकते हैं। जब आप को लगे कि आप का व्यापार बढ़ रहा है, तब आप को यह ध्यान रखना होगा की किस सीजन में, कौन सा मसाला सस्ता हो जाता है। उस समय आपको उसका स्टॉक करना होगा।
1.3. मसालों को दो तरीकों से पीसा जा सकता है।
- मशीनों द्वारा
- हाथों द्वारा – ओखल और मूसल कि सहायता से, जिसे हम हैण्ड मेड (handmade) मसाला कहते हैं। जिसकी मार्किट में हमेशा मांग बनी रहती है। हाथों से पीसने पर मशीनों का खर्चा तो बच जाता है। लेकिन लेबर बढ़ जाती है और टाइम भी ज्यादा लगता है।

1.4. मसाले बनाने के लिए मशीनरी (Machinery)
शुरुआत में मशीन जो काम आयेगी :
- ग्राइंडिंग मशीन (Grinding Machine)
- सीलिंग मशीन (Sealing Machine)
जब मसालों कि मांग बहुत बढ़ जाती है, तब और मशीनों कि जरूरत पड़ती है। जैसे:
- Cleaner Machine : जिसे sorting machine भी कहते है, यह कच्चे माल में से कंकर, पत्थर, और कोई भी अशुद्धि मिली होने पर यह उन सब को अलग कर देती है।
- Dryer machine : कच्चे माल में अगर कोई भी नमी होती है वो इसकी सहायता से दूर हो जाती है।
- Grinding machine : इसकी सहायता से कम समय में ज्यादा मसाला पीसा जा सकता है।
- Grader Machine : यह मशीन किसी भी आइटम कि ग्रेडिंग करती है जैसे कि पतले माल को मोटे मॉल से अलग कर देती है। इस मशीन में बारीक से लेकर मोटी जालियाँ लगी होती है। जिसे आप अपने सहूलियत के अनुसार भी लगवा सकते हैं।
- Sealing Machine : इस मशीन कि सहायता से मसालों की पैकिंग की जाती है। यह मैन्युअल, सेमी आटोमेटिक, और फुल्ली आटोमेटिक में उपलब्ध हो जाती है। आप अपने उत्पादन और बजट को देखते हुए इन्हें ले सकते हैं।
आप कोई भी मशीन खरीदें मैन्युफैक्चरर से ही खरीदें:
आप मैन्युफैक्चरर की जानकारी ऑनलाइन भी पता लगा सकते हैं।
👉 : https://www.indiamart.com/, https://www.tradeindia.com/
1.5. व्यापार के लिए शुरुआत में लागत
आमतौर पर व्यापार शुरू करने के लिए ३० से ६० हजार रूपए तक की जरूरत पढ़ सकती है।
मशीन : २० – ३० हजार रूपए
कच्चा माल : आपके चुने हुए मसाले के अनुसार
पैकिंग सामग्री : ३ हजार रूपए
पंजीकरण : ५ से ८ हजार रूपए
1.6. मसालों के व्यापार बढ़ने पर खर्चा
मशीने : ४ से ५ लाख रूपए (मांग व बजट को देखते हुए )
कच्चा माल : मांग के अनुसार
पैकिंग सामग्री : ५० हजार से १ लाख रूपए (प्रिंटेड सामग्री)
1.7. मसाला बनाने की प्रक्रिया
ज्यादातर मसाले मशीनों द्वारा ही पीसे जाते हैं। क्यूँकी इसमें कम समय के साथ, लेबर भी कम ही लगती है। दूसरी ओर हाँथ से पिसे मसलों को ज्यादा पसंद किया जाता है, अगर आप के पास लेबर कि व्यवस्था हो, तो आप हाँथ के पीसे मसलों का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
1.7.(a). प्रक्रिया
सबसे पहले उन सभी साबुत मसलों को थोक भाव में खरीदना होगा जिसका आप मसाला बनाना चाहते हैं।
लेने के बाद इन सभी मसलों को साफ़ करके धुप में सुखा दें। ध्यान रहे कि मसालों में जरा सी भी नमी नही रहनी चाहिए। पूरी तरह से सूख जाने के बाद इन साबुत मसलों को मशीन या खरल मूसल / ओखल कि सहायता से बारीक पीस लिया जाता है।
अब यह पैक करके बेचने के लिए तैयार है।
1.8. मसालों की पैकिंग
मसालों की पैकिंग पर आप को विशेष तौर पर ध्यान देने कि जरूरत होती है। इसमें जरा सी भी लापरवाही की गुंजाईश नही होनी चाहिए। ध्यान रहे, जो भी व्यक्ति मसालों को पैक करें, उसके हांथों में gloves व सिर पर disposable cap हो।
आप फ़ूड ग्रेड वाले बॉक्स, बोतल, या प्लास्टिक पाउच ले सकते है।
👉 : https://www.swisspack.co.in/
आप अपने ब्रांड के नाम का स्टीकर छपवा कर उन पर लगवा सकते हैं। इससे आपकी ब्रांडिंग और मजबूत होगी व साथ–साथ आपके व्यापार का विवरण–फ़ोन नंबर, एड्रेस, और किस-किस मसालों में आप डील करते है यह सारी जानकारी आप के ग्राहकों के पास पहुँच जाएगी।
1.9. मार्केटिंग
मसालों कि मार्केटिंग करने के लिए कई तरीके इस्तेमाल कर सकते है।
- आप अपना कम मार्जिन रखकर थोक भाव से अपने आस पास के दुकानदारों को दे सकते हैं।
- ऑनलाइन भी बेच सकते हैं।
- टिफ़िन सेंटर्स, ढाबों, रेस्टोरेंट, होटल्स में जा कर, वहां सम्बंधित व्यक्ति से मिलकर, अपने मसालों का सैंपल वहां छोड़ सकते हैं।
- अपने आस पास के लोगों को, मित्रों को, रिश्तेदारों को अपने आइटम के बारे में जानकारी दें।
- आप अपने पास के एरिया में pamphlet भी डलवा सकते हैं।
- शरुआत में आप कोई अच्छा सा ऑफर या कुछ डिस्काउंट भी दें सकते हैं
- समय–समय पर नई –नई रणनीति लगा कर अपने आइटम को प्रमोट करने के लिए, प्रयोग करते रहें।
2. मसालों के व्यापार में लाभ
इस व्यापार में लाभ, आपके आइटम कि गुणवत्ता व आप अपने ग्राहक को कैसी सर्विस देते है उस पर निर्भर करता है। आमतौर पर मसाले के व्यापार में २५ से ३० प्रतिशत का मार्जिन होता है। हमेशा व्यापार में आइटम का रोटेशन ज्यादा हो ऐसी कोशिश करनी चाहिए। यह तभी संभव है जब आप के प्रोडक्ट कि गुणवत्ता और प्रस्तुतीकरण आकर्षक हो।
3. मसालों के व्यापार में ध्यान में रखने वाली बातें
- कोई भी व्यापर करें, उसमे पूरी मेहनत, लगन और जूनून के साथ लगें।
- किसी भी व्यापार को स्थापित करने के लिए समय लगता है इसलिए आपमें धर्य का होना बहुत जरूरी है।
- गुणवत्ता (quality) से कभी भी समझोता नही करें। हमेशा शुद्ध मसाले ही अपने ग्राहकों को दें।
- शुरुआत में ज्यादा पीसा हुआ स्टॉक न रखें।
- जैसे ही आर्डर प्राप्त हो तभी मसाला पीस कर ग्राहक को दें, इसके दो फायदे होंगे:
- पहला, आपको पहले से ही मसाला पीसकर नही रखना होगा, जिससे ख़राब होने का डर नही होता है।
- दूसरा, ग्राहकों को लगेगा कि उनको मसाला शुद्ध और फ्रेश मिला है।
जब व्यापार बढने लगे तब आप प्रिंटेड पैकिंग काम में ले सकते हैं। (जिसमें लोगो, नाम, एड्रेस, सभी सम्बंधित जानकारियां पैकिंग पर प्रिंट करवा सकते हैं )
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